हम लोग हमेशा ही मार्केटिंग के बारे में सुनते रहते है,
ऐसे में ये सोचना की मार्केटिंग क्या है?
थोड़ा अजीब लग सकता है
पर ऐसा नहीं है !!
मार्केटिंग करना एक process है जिसमे शुरू से एक प्लान बना कर चलना पड़ता है, और जिसकी ज़रूरत एक छोटे से business man से लेकर बड़ी बड़ी companies तक को मार्केटिंग की ज़रूरत पढ़ती है.
तो चलिए जानते है मार्केटिंग क्या है?
मार्केटिंग क्या है?
मार्केटिंग क्या है हिंदी में
मार्केटिंग की बहुत से अलग अलग definition है, पर सबसे अच्छी definition जो मार्केटिंग को अच्छे से define करती है वो है.
मार्केटिंग एक management process है जिस से आपके goods या service एक concept से product बन कर customer तक पहुँचाना है.
इस process में 4 अलग अलग element होते है जिनको हम मार्केटिंग के चार P बोलते है.
- Product – आप क्या बेचने वालो हो ये select करना.
- Price – उस product का price क्या होगा.
- Place – आपके customer उस product को कहाँ से खरीदेंगे.
- Promotion – कैसे आप अपने customer को product के बारे में बताएगे.
Note – यह product का मतलब goods और service दोनों से है.
आपका business कितना successful होगा ये depend करता है कि आप इन चारो element को कितना अच्छे से अपने business में इस्तेमाल कर पाते है.
1 . Product
आप क्या बेचने वाले हो?
ये जानने के लिए की आपको क्या बेचना है, आपको ये जानना चाहिए की आपके customer की ज़रूरते क्या है, फिर अपने product को customer की ज़रूरतों के हिसाब से select करिये.
आप जिंतना ज़्यादा लोगो की ज़रूरते अपने product से पूरी करेंगे , उतने की ज़्यादा chances है की वो आपसे वो product खरीदेंगे, दुसरो को बताएगे और दुबारा आपके product को फिर खरीदने आइगे.
product को बनाते वक़्त ध्यान में रखने वाली कुछ बाते:
Mass product या customization
आपका product आपके सब customer के लिए एक ही रहने वाला है या आप हर customer के लिए आपका product को customize करना पड़ेगा.
आपका प्रोडक्ट नया है या पहले से मार्किट में है
अगर आपका product नया है तो आपको लोगो को बताना होगा की लोगो को आपके product की ज़रूरत क्यों है.
या अगर आपका product पहले से मार्किट में मौजूद है तो आपको बताना होगा की वो पहले वालो से कैसे अच्छा या सस्ता है.
Test it
अपने अपनी customer के according product को बना दिया पर क्या आपने आपने customer का response देखा ?
काफी बार आपके product की छोटी सी कमी की वजह से customer उसे नहीं खरीदते.
तो आपने product को customer को test करने को दे फिर उनका response check करे.
Price
आप आपने product को कितने का बेचने वाले हो?
आपके product की कीमत, आपके product की sales पर बहुत असर डालती है.
अगर आपका product सस्ता है तो वो customer को अच्छी quality का नहीं लगेगा या फिर आप काम फ़ायदा कमाइगे, अगर प्रोडक्ट मेहगा है तो customer उसे कम खरीदेंगे.
आपने product की सही कीमत रखने के लिए आपको सोचना चाहिए:
- product को बनाने की कीमत
- Product के competitor के price
- आपका customer आपके product के कितने पैसे देने को त्यार है.
Place
Customer कहाँ से आपके product को खरीदेंगे?
क्या आप सीधा आपने customer को product बेचेंगे, या फिर बीच में whole seller या retailer को देंगे बेचने के लिए.
अगर आप बेचने वाले है तो आप उसे ऑनलाइन बेचेंगे या ऑफलाइन.
Promotion
लोगो को कैसे आपके product के बारे में पता चलेगा.
आपके product को खरीदने के लिए लोगो को पहले उसे जानना ज़रूरी है, उसके बारे में एक positive सोच होनी ज़रूरी है और खरीदने को लोग त्यार होने चाहिए,
ये सब depend करता है की आप आपने product को promote कैसे करते है.
मार्केटिंग क्या है ये जानने के साथ ये भी जानना ज़रूरी है की promote करने के तरीके क्या क्या है.
Traditional advertising है जैसे की TV , Magazine ,Newspaper या रेडियो .
Digital marketing है जैसे की PPC advertising ,Social media , और SEO .
आप कोई भी advertising का तरीके अपनाओ, आपकी कोशिश ये होने चाहिए की कम कम पैसो में आप आपने product को ज़्यादा से ज़्यादा audience को दिखा पाओ और बेच पाओ.
सेल्स और मार्केटिंग क्या है
मार्केटिंग क्या नहीं है?
मार्केटिंग क्या है इस के साथ ये भी जानना ज़रूरी है की मार्केटिंग क्या नहीं है.
तो, मार्केटिंग का मतलब sales या बेचना नहीं है.
हाँ, मार्केटिंग का result sales ही होता है जब हम product को online या ऑफलाइन Advertise करते है उसकी branding करते है और लोगो को उस के बारे में बताते है.
पर :
sales का काम सेल्स department में बैठे लोगो का होता है जो सीधा customer को प्रोडक्ट बेच रहे होते है.
मार्केटर का काम तो product की branding करना और लोगो को product के बारे में बताना होता है.
मार्केटिंग की types
- B2B -Business to business
- B2C -Business to consumer
1. B2B – Business to business
B2B मार्केटिंग में हम आपने प्रोडक्ट को पहले से बने हुए business के लिए promote करते है. जैसे की अगर ऑफलाइन की बात करे तो, Whole seller को target करते है जो हमारा प्रोडक्ट बेच सके.
ऑनलाइन की बात करे तो हम B2B websites जैसे की IndiaMart, TradeIndia या Alibaba जैसी वेबसाइट को टारगेट करते है.
2 .B2C -Business to consumer
B2C मार्केटिंग में हम लोग direct consumer या customer को टारगेट कर advertising करते है, इसके लिए भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में अलग अलग तरह के तरीके इस्तेमाल होते होते है.
मार्केटिंग कैसे करे?
अभी तक आपने जाना की मार्कर्टिंग क्या है, अब हम जानेगे की मार्केटिंग के तरीके क्या क्या है और मार्केटिंग कैसे करे?
1. Paid advertising
Paid advertising में Traditional और Digital दोनों ही तरह की मार्केटिंग इस्तेमाल होती है
Traditional मार्केटिंग में TV ,Newspaper , Radio ,Magazine या और print मीडिया इस्तेमाल होती है.
Digital मार्केटिंग में PPC (Pay per click ) ads का इस्तेमाल होता है, वो ads जो आप Facebook, Twitter, Search engine या Websites में देखते है.
2. Cause मार्केटिंग
Cause मार्केटिंग में companies आपने product को किसी social cause या issue से मिला कर promote करती है.
3. Relationship मार्केटिंग
Relationship मार्केटिंग में कम्पनीज आपने customer से अच्छे relation बना कर रखती है उन्हें अच्छी services provide कर loyalty दिखाती है.
4. Word of mouth
ये मार्केटिंग depend करती है की आप आपने Customer के ऊपर क्या प्रभाव छोड़ते है. अगर आपने आपने customer को अच्छा product दे रहे है तो वो आपने दोस्तों और रिश्तेदारों को इसके बारे में बताएगे. ये ट्रेडिशनल मार्केटिंग में बहुत ज़रूरी होता है.
5. Transaction मार्केटिंग
Traditional मार्केटिंग में companies आपने customer को Shopping coupon, gift card और डिस्काउंट दे कर लुभाती है.
इस से customer product की तरफ attract होता है और सेल भी होती है.
7. Undercover मार्केटिंग
Undercover मार्केटिंग में प्रोडक्ट को इस तरह से प्रमोट किया जाता है की customer को companies के advertising का तरीका पता नहीं चलता, इस तरह की मार्केटिंग को stealth मार्केटिंग भी कहाँ जाता है.
मार्केटिंग आपके बाकी business के साथ कैसे काम करती है?
मार्केटिंग एक अलग Process नहीं है, ये पुरे business के साथ मिल कर काम करती है जैसे की :
- Research and development team का फोकस ऐसा product बनाना होना चाहिए जो आपके कस्टमर की ज़रूरतों को पूरा करे.
- आपकी production टीम demand को fulfill कर पाए, और जो भी quality आपने रखी है, उस क्वालिटी के प्रोडक्ट बना पाए.
- Financial Team product के सही price पर discuss कर, प्रोडक्ट का ठीक price decide कर पाए.
- Human resource टीम अच्छे लोगो को hire कर train कर पाए जो आपकी company की अच्छी इमेज बनाये रखे
- environment team आपकी पैकिंग का ध्यान रखे की वो अच्छी, सस्ती होने के साथ साथ environment पर भी कुछ असर न डाले.
जैसे की आप देख सकते है मार्केटिंग कोई अलग सा काम न होकर, आपकी company के बाकी decision पर भी depend करता है.
मार्केटिंग मैनेजमेंट क्या है
मार्केटिंग मैनेजमेंट उन technique, Ideas और implementation को बोलते है जो companies अपने product को market करने के लिया इस्तेमाल करती है.
Company कोनसा प्रोडक्ट बनाएगी, कहाँ से बनाएगी, कितने का बेचेगी, कैसे बेचेगी और कहाँ बेचेगी ये सभी चीज़े मार्केटिंग मैनेजमेंट में ही आती है.
मार्केटिंग मैनेजर बनने के लिए आपको 3+ साल का experience होना चाहिए, marketing की knowledge और अच्छी communication skills होनी बहुत ज़रूरी है. मार्केटिंग मैनेजमेंट करने की salary भी काफी अच्छी मिलती है.
इस पोस्ट पर हमारी राय
जैसे की ऑनलाइन की दुनिया में कहाँ जाता है की content king है तो Distribution queen है.
ऐसे ही अगर product business का king है तो promotion business की queen है .
आप मेरी बात का मतलब समझ गए होंगे की product की मार्केटिंग करना इतना ही ज़रूरी है जितना अच्छा प्रोडक्ट बनाना.
हमे लगता है की आपको हमारी पोस्ट मार्केटिंग क्या है अच्छी लगी होगी.
कोई सवाल है तो comment में ज़रूर पूछे.